Monday, 9 August 2021

लड़की को छेड़ना युवक को पड़ा भारी

 लड़की को छेड़ना युवक को पड़ा भारी,लड़की ने बीच चौराहे पर युवक को जमकर पीटा, युवक कुलदीप पर 2 दिन से लड़की को परेशान करने का आरोप, काफी देर तक सड़क पर चला हाईवोल्टेज हंगामा,ग्रेटर नोएडा जेवर थाना इलाके के मैन चौराहे की घटना


Sunday, 8 August 2021

यातायात पुलिस ने 350 वाहनों का किया चालान

 गोरखपुर। यातायात पुलिस गोरखपुर की टीम ने पादरी बाजार चौराहे पर यातायात नियमों का धज्जियां उड़ाने वाले 350 वाहनों पर किया कार्रवाई।




वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक ट्रैफिक रामसेवक गौतम यातायात निरीक्षक एए अंसारी व सुनील कुमार सिन्हाल के साथ पादरी बाजार चौराहे पर टू व्हीलर थ्री व्हीलर और फोर व्हीलर 350 वाहन चालकों का प्रेशर हार्न मोडिफाइड साइलेंसर हेलमेट व सीट बेल्ट न लगाने वाले तथा वाहन चालकों द्वारा गलत नंबर प्लेट लगाना नम्बर मिटा कर चलना व नम्बर छिपा कर चलना टू व्हीलर पर तीन सवारी बैठाकर चलने वाले वाहन चालकों का चालान किया।

बड़हलगंज मुक्तिपथ पर एक साथ जली एक ही परिवार की पांच चिंताएं, मचा कोहराम

बड़हलगंज मुक्तिपथ पर एक साथ जली पांच चिंताएं मचा कोहराम

शनिवार की रात चौरीचौरा थाना क्षेत्र के फुलवरिया निवासी अपने पूरे परिवार के साथ अपनी कार से छत्तीसगढ़ से अपनी ससुराल अंर्तगत दोहरीघाट मधुबन जा रहे थे।



मधुबन मार्ग पर बेलौली सोनबरसा गांव के समीप सड़क के किनारे गड्ढे में गाड़ी गिरने से मौत हो गई। जिसका अन्तिम संस्कार बड़हलगंज मुक्तिपथ पर हुआ।






गगहा पुलिस ने प्रधानमंत्री पर अभद्र टिप्पणी करने वाले दो युवकों को किया गिरफ्तार।

सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी का वीडियो वायरल होने पर गगहा पुलिस ने तीन युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वायरल वीडियो गोला क्षेत्र में शनिवार को जुटी भीम आर्मी सेना में शामिल युवकों की बताई जा रही है। भीड में शामिल कुछ युवक प्रधानमंत्री को गाली देते हुए देख लेने की धमकी दे रहे हैं।

किसी ने घटना की वीडियो व्हाट्सएप तथा फेसबुक पर डाल दीया। जिसके बाद पार्टी के आधा दर्जन से अधिक कार्यकर्ता रविवार को गगहा थाने पहुंच कर इसी थाना क्षेत्र के पोखरी गांव निवासी समीर उर्फ छोटू पुत्र राजबली,श्रवण पुत्र सुभाष, नंदन पुत्र रामगति सहित अन्य अज्ञात के खिलाफ शिकायत की। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया ।
थाना प्रभारी अमित दुबे का कहना है कि वायरल वीडियो व शिकायत के आधार पर घटना में शामिल दो लोग पकडे गये हैं। अन्य आरोपी की तलाश जारी है।

Wednesday, 4 August 2021

वैक्सीन क्यों जरूरी है समझें .....


वैक्सीन क्यों जरूरी है समझें .....
अमेरिका के एक डॉक्टर ने एक्सरे की 2 तस्वीरों से समझाया है। वैक्सीन न लेने वाले कोरोना संक्रमित और वैक्सीन लेने वाले मरीज के संक्रमित हुए फेफड़े इसके असर को बताते हैं।
कोरोना संक्रमित होने पर वैक्सीन न लगवाने वालों के फेफड़े की एक्सरे रिपोर्ट में सफेद धब्बे दिखते हैं। यह दिखाता है कि फेफड़ों में वायरस लोड काफी है और इनमें से ऑक्सीजन गुजरने की जगह नहीं है। यही स्थिति सांस लेने में परेशानी की वजह बनती है।
 

Sunday, 1 August 2021

शौच के दौरान खून आना सिर्फ बवासीर नहीं होता, आपको हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां

 बवासीर एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में लोग खुलकर बात नहीं करते हैं। इस बीमारी के बारे में किसी को बताने में लोग शर्म और झिझक महसूस होती है। बवासीर को हेमरॉइड या पाइल्स के नाम से भी जाना जाता है। मल के साथ खून निकलना शर्म नहीं बल्कि चिंता की बात है क्योंकि यह बवासीर या कैंसर कुछ भी हो सकता है। लेकिन आपको सबसे पहले यह जानना चाहिए कि बवासीर क्या है और कैसे होता है?

मलद्वार के पास रक्त वाहिकाओं में सूजन की स्थिति को बवासीर या हेमरॉइड कहते हैं। इन रक्त वाहिकाओं में सूजन के कारण मलत्याग करते समय दर्द और मल के साथ खून निकलता है। इसके अलावा मलद्वार के पास गांठे बनने लगती हैं जिसे आम बोलचाल की भाषा में लोग मस्से कहते हैं और वहां पर खुजली भी होने लगती है।

अधिकतर मामलों में शौच के दौरान खून निकलने को लोग बवासीर की समस्या समझ लेते हैं और फिर शर्म के बारे इसका इलाज नहीं करवाते हैं। आपको बता दें कि बवासीर के अलावा अन्य कई गंभीर बीमारियों के कारण भी मलत्याग के दौरान खून निकल सकता है. इसलिए यह ज़रूरी है कि आप डॉक्टर से अपनी जांच करवाएं और सही बीमारी का पता लगाएं। तो आइए जानें कि बवासीर के अलावा और कौन सी बीमारियों में शौच के दौरान खून निकलता है और दर्द होता है।

1) एनल फिशर : एनल फिशर वास्तव में मलद्वार के पास त्वचा में दरारें होने की समस्या को कहते हैं। इसके कारण मलत्याग करते समय तेज दर्द होता है। यह अमूमन कब्ज और नियमित शौच न करने, कड़ा मल निकलने या बार-बार डायरिया होने के कारण होता है। मलद्वार में दरार आने की वजह से वहां की त्वचा में दर्द होने लगता है जिससे अक्सर लोग यह समझ लेते हैं कि उन्हें हेमरॉइड की समस्या है। इसलिए ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं, डॉक्टर ही आपकी जांच करके यह बता सकते हैं कि आपकी समस्या बवासीर है या सिर्फ एनल फिशर है।

2- क्रोहन रोग : क्रोहन रोग पाचन तंत्र में सूजन संबंधी एक पुरानी बीमारी है जो अक्सर दर्दनाक खूनी दस्त के रूप में प्रकट होती है। इस बीमारी को जी मिचलाना, वजन घटना, पेट दर्द और थकान आदि लक्षणों से पहचाना जाता है। एंडोस्कोपी के जरिए यह पता चल जाता है कि यह क्रोहन रोग है या बवासीर है। क्रोहन रोग में आमतौर पर छोटी आंत का निचला हिस्सा प्रभावित होता है जबकि बवासीर में गुदा या बड़ी आंत का निचला हिस्सा प्रभावित होता है।

3- अल्सरेटिव कोलाइटिस : अल्सरेटिव कोलाइटिस होने पर भी मल में खून आता है, हालांकि यह अमूमन सिर्फ बड़ी आंत को ही प्रभावित करता है। एंडोस्कोपी की मदद से काफी आसानी से यह पता चल जाता है कि आपकी समस्या अल्सरेटिव कोलाइटिस है या बवासीर क्योंकि इसमें होने वाली सूजन बवासीर से काफी हद तक अलग होती है।

4- कोलोरेक्टल कैंसर : बवासीर होना कोलोरेक्टल कैंसर का भी लक्षण हो सकता है। 90 प्रतिशत लोग जिनमें जांच के बाद कोलोरेक्टल कैंसर पाया गया, शुरू में उन्हें यह लगा था कि उन्हें हेमरॉइड है। हालांकि हेमरॉइड में कभी सूजन बढ़ जाती है फिर खत्म हो जाती है और ब्लीडिंग भी हमेशा नहीं होती है जबकि कोलोरेक्टल कैंसर में हमेशा ही मल के दौरान खून बहता रहता है। कोलोरेक्टल कैंसर की जांच करवाने के लिए बायोप्सी या एंडोस्कोपी करवाना ज़रूरी होता है।

5- एनल फिस्टुला : एनल फिस्टुला को आम बोलचाल की भाषा में भगंदर भी कहा जाता है. इसमें मलद्वार के पास मस्से में से पस निकलता रहता है. इसके कारण शौच के दौरान बहुत तेज दर्द होता है और खून निकलता है। डॉक्टर से जांच करवाके आप यह जान सकते हैं कि आपकी समस्या बवासीर है या एनल फिस्टुला है।

6- रेक्टल प्रोलैप्स (Rectal Prolapse) : जब बड़ी आंत प्राकृतिक रूप से अपना जुड़ाव खो देती है और गुदा या मलद्वार के बाहर फैलने लगती है तो इस समस्या को रेक्टल प्रोलैप्स कहते हैं। इसकी वजह से भी मल में खून आता है और मलत्याग करने में दर्द होता है। इसलिए इसे बवासीर समझने की गलती ना करें बल्कि डॉक्टर के पास जाकर अपनी जांच कराएं।

7) प्रोक्टाइटिस (Proctitis) : इस समस्या के कारण मलद्वार की अंदुरुनी परतों में सूजन हो जाती है जिसकी वजह से शौच या मलत्याग के दौरान खून निकलने लगता है और दर्द होता है। डॉक्टर सिग्मोडोस्कोपी की मदद से इस बीमारी का पता लगाते हैं।

इसलिए यह जान लें कि मल में खून आने के सभी मामलों में हेमरॉइड या बवासीर नहीं होता है। इसलिए इसे अनदेखा करना या शर्म के मारे इसका इलाज न करवाना आपके लिए काफी भरी पड़ सकता है। जब भी आपको ऐसे कोई भी लक्षण दिखे तो अपनी मर्जी से कोई दवा लेने के बजाय डॉक्टर के पास जाएं और अपनी बीमारी का सही इलाज करवाएं।

Saturday, 31 July 2021

तो नपुंसकता की असली वजह कुछ और है!

तो नपुंसकता की असली वजह कुछ और है!

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह शरीर आपका है और उसमें कमियों को महसूस भी आप ही को करना होगा. शरीर का हर अंग ज़रूरी होता है और कोई भी अंग शर्मिंदगी का कारण नहीं होता.

हर बीमारी को लेकर जैसे हम खुलकर बात करते हैं वैसे ही अपने गुप्तांगों में किसी समस्या को लेकर भी शर्मिंदगी नहीं सतर्क रहने की ज़रूरत है.

दुनिया भर में लाखों लोग नपुंसकता या नामर्दी से जूझ रहे हैं. कई बार यह हमेशा के लिए नहीं होता है और कुछ लोगों को इसका सामना छोटे वक़्त के लिए भी करना पड़ता है. क्या आपको पता है कि पुरुषों में नपुंसकता के पीछे क्या कारण हैं?

नपुंसकता ज़्यादा उम्र के लोगों के लिए एक सामान्य समस्या है. हालांकि इसकी चपेट में युवा भी आ जाते हैं.

ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस के एक अनुमान के मुताबिक 40 से 70 की उम्र वाले आधे से ज़्यादा लोग कुछ हद तक इससे पीड़ित रहते हैं. एंजेला ग्रेगरी एक थेरपिस्ट हैं और नपुसंकता के मामलों को देखती हैं.

उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया, ''मैं पिछले 16 सालों से इन मामलों को देख रही हूं. ख़ासकर पिछले पांच सालों में युवाओं में ऐसी शिकायतें बढ़ी हैं. ज़्यादा उम्र वाले लोगों की नपुंसकता का संबंध डायबिटिज या हृदय रोग से है. युवाओं में ऐसी कोई बीमारी नहीं होती है.  ये सवाल हस्तमैथुन की लत और पॉर्नोग्राफ़ी से जुड़े होते हैं. अपनी पार्टनर के सामने लाचार होने की एक बड़ी वजह ये हो सकती हैं.''

'नपुंसकता एक दिमाग़ी फितूर है'

1998 में यौन क्षमता पर पुरुषों की धारणा को लेकर पहली बार वैश्विक स्तर पर एक सर्वे किया गया. इंटरनेशनल सोसायटी फोर इम्पोटेंस रिसर्च इन एम्सटर्डम में इसकी पड़ताल को पेश किया गया. इसमें ज़्यादातर लोगों ने कहा था कि नपुंसकता उनके दिमाग़ में है.

यह सर्वे 10 देशों में चार हज़ार से ज़्यादा लोगों पर किया गया था. इस स्टडी में सभी देशों के औसत 50 फ़ीसदी लोगों का मानना था कि नपुंसकता की वजह मनोवैज्ञानिक है. यह सच है कि नामर्दी में तनाव, पार्टनर से समस्या, चिंता और अवसाद के साथ दिमाग़ी फितूर की बड़ी भूमिका होती है.

ब्रिटेन के हेल्थ सिस्टम का कहना है, ''उदाहरण के तौर पर हस्तमैथुन के वक़्त आपको कोई समस्या नहीं होती है. कई बार जब आप बिस्तर से उठते हैं तब भी आप ठीक होते हैं, लेकिन जब सेक्स पार्टनर के पास जाते हैं तो ख़ुद को लाचार पाते हैं.''

अगर ऐसा है तो इसमें मनोवैज्ञानिक कारण होने की आशंका ज़्यादा होती है. किसी भी स्थिति में आपका अंग काम नहीं कर रहा है तब यह शारीरिक समस्या है, लेकिन केवल सेक्स पार्टनर के सामने आप ख़ुद को लाचार पा रहे हैं तो यह समस्या मनोवैज्ञानिक है.

ब्लड प्रेशर, उच्च कोलेस्ट्रोल या डायबिटिज की स्थिति में लिंग की रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं.

अमरीका में हॉर्वर्ड मेडिकल स्कूल के ख़ास पब्लिकेशन के अनुसार दिल की बीमारी के कारण भी नपुंसकता बढ़ती है. धमनियों के बंद होने से न केवल हृदय की रक्त वाहिकाएं प्रभावित होती हैं बल्कि पूरे शरीर पर असर पड़ता है.

यहां तक कि लिंग में तनाव नहीं आने की बीमारी से पीड़ित 30 फ़ीसदी लोग हृदय रोग से पीड़ित होते हैं. इसकी वजह हार्मोनल, सर्जरी और चोट भी हो सकती है.




mai chahu

मैं चाहूं भी तो तुमको पा नही सकता और ये बात किसी को समझा नही सकता  मेरा दिल भी इसी बात को सोच कर रोता है  ऐसी क्या मोहब्बत जो जता नहीं सकता ...