Saturday, 31 July 2021

तो नपुंसकता की असली वजह कुछ और है!

तो नपुंसकता की असली वजह कुछ और है!

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह शरीर आपका है और उसमें कमियों को महसूस भी आप ही को करना होगा. शरीर का हर अंग ज़रूरी होता है और कोई भी अंग शर्मिंदगी का कारण नहीं होता.

हर बीमारी को लेकर जैसे हम खुलकर बात करते हैं वैसे ही अपने गुप्तांगों में किसी समस्या को लेकर भी शर्मिंदगी नहीं सतर्क रहने की ज़रूरत है.

दुनिया भर में लाखों लोग नपुंसकता या नामर्दी से जूझ रहे हैं. कई बार यह हमेशा के लिए नहीं होता है और कुछ लोगों को इसका सामना छोटे वक़्त के लिए भी करना पड़ता है. क्या आपको पता है कि पुरुषों में नपुंसकता के पीछे क्या कारण हैं?

नपुंसकता ज़्यादा उम्र के लोगों के लिए एक सामान्य समस्या है. हालांकि इसकी चपेट में युवा भी आ जाते हैं.

ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस के एक अनुमान के मुताबिक 40 से 70 की उम्र वाले आधे से ज़्यादा लोग कुछ हद तक इससे पीड़ित रहते हैं. एंजेला ग्रेगरी एक थेरपिस्ट हैं और नपुसंकता के मामलों को देखती हैं.

उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया, ''मैं पिछले 16 सालों से इन मामलों को देख रही हूं. ख़ासकर पिछले पांच सालों में युवाओं में ऐसी शिकायतें बढ़ी हैं. ज़्यादा उम्र वाले लोगों की नपुंसकता का संबंध डायबिटिज या हृदय रोग से है. युवाओं में ऐसी कोई बीमारी नहीं होती है.  ये सवाल हस्तमैथुन की लत और पॉर्नोग्राफ़ी से जुड़े होते हैं. अपनी पार्टनर के सामने लाचार होने की एक बड़ी वजह ये हो सकती हैं.''

'नपुंसकता एक दिमाग़ी फितूर है'

1998 में यौन क्षमता पर पुरुषों की धारणा को लेकर पहली बार वैश्विक स्तर पर एक सर्वे किया गया. इंटरनेशनल सोसायटी फोर इम्पोटेंस रिसर्च इन एम्सटर्डम में इसकी पड़ताल को पेश किया गया. इसमें ज़्यादातर लोगों ने कहा था कि नपुंसकता उनके दिमाग़ में है.

यह सर्वे 10 देशों में चार हज़ार से ज़्यादा लोगों पर किया गया था. इस स्टडी में सभी देशों के औसत 50 फ़ीसदी लोगों का मानना था कि नपुंसकता की वजह मनोवैज्ञानिक है. यह सच है कि नामर्दी में तनाव, पार्टनर से समस्या, चिंता और अवसाद के साथ दिमाग़ी फितूर की बड़ी भूमिका होती है.

ब्रिटेन के हेल्थ सिस्टम का कहना है, ''उदाहरण के तौर पर हस्तमैथुन के वक़्त आपको कोई समस्या नहीं होती है. कई बार जब आप बिस्तर से उठते हैं तब भी आप ठीक होते हैं, लेकिन जब सेक्स पार्टनर के पास जाते हैं तो ख़ुद को लाचार पाते हैं.''

अगर ऐसा है तो इसमें मनोवैज्ञानिक कारण होने की आशंका ज़्यादा होती है. किसी भी स्थिति में आपका अंग काम नहीं कर रहा है तब यह शारीरिक समस्या है, लेकिन केवल सेक्स पार्टनर के सामने आप ख़ुद को लाचार पा रहे हैं तो यह समस्या मनोवैज्ञानिक है.

ब्लड प्रेशर, उच्च कोलेस्ट्रोल या डायबिटिज की स्थिति में लिंग की रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं.

अमरीका में हॉर्वर्ड मेडिकल स्कूल के ख़ास पब्लिकेशन के अनुसार दिल की बीमारी के कारण भी नपुंसकता बढ़ती है. धमनियों के बंद होने से न केवल हृदय की रक्त वाहिकाएं प्रभावित होती हैं बल्कि पूरे शरीर पर असर पड़ता है.

यहां तक कि लिंग में तनाव नहीं आने की बीमारी से पीड़ित 30 फ़ीसदी लोग हृदय रोग से पीड़ित होते हैं. इसकी वजह हार्मोनल, सर्जरी और चोट भी हो सकती है.




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mai chahu

मैं चाहूं भी तो तुमको पा नही सकता और ये बात किसी को समझा नही सकता  मेरा दिल भी इसी बात को सोच कर रोता है  ऐसी क्या मोहब्बत जो जता नहीं सकता ...