Wednesday, 29 April 2020

Created by Aman Kumar

बात चली चांद से सुंदर कौन
हम गलती से गुलाब बता बैठे....
झुंझलाए वो इस कदर
झटके से नकाब उठा बैठे
पूरा माहौल उनको देखता रह गया
की पूरा माहौल उनको देखता रहा गया
और हम ताजमहल बनवाने के सपने सजा बैठे...

mai chahu

मैं चाहूं भी तो तुमको पा नही सकता और ये बात किसी को समझा नही सकता  मेरा दिल भी इसी बात को सोच कर रोता है  ऐसी क्या मोहब्बत जो जता नहीं सकता ...